प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना: अब कारीगरों को मिलेगा सीधा लाभ, जानें कैसे करें आवेदन

PM Vishwakarma Scheme 2025 प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना देश के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के लिए एक क्रांतिकारी पहल है। इस योजना के तहत कारीगरों को सीधा लाभ मिलेगा जो उनके व्यवसाय को बढ़ावा देगा। बढ़ई, लोहार, सुनार, कुम्हार, मोची जैसे पारंपरिक कामगारों को आर्थिक सहायता मिलेगी। आवेदन प्रक्रिया बेहद सरल और ऑनलाइन है जिससे हर कोई आसानी से अप्लाई कर सकता है। यह स्कीम आत्मनिर्भर भारत की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत कौन लाभ उठा सकता है?

इस योजना के तहत 18 प्रकार के पारंपरिक व्यवसायों से जुड़े कारीगर लाभ ले सकते हैं। बढ़ई, लोहार, सुनार, कुम्हार, मोची, दर्जी, धोबी, नाई, मालाकार, राजमिस्त्री जैसे कामगार शामिल हैं। मूर्तिकार, मछली पकड़ने का जाल बनाने वाले, हथियार बनाने वाले भी पात्र हैं। नाव निर्माता, ताला बनाने वाले और डलिया-चटाई बनाने वाले कारीगर भी अप्लाई कर सकते हैं। आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।

परिवार का केवल एक सदस्य ही इस योजना का लाभ उठा सकता है। आवेदक को पिछले पांच वर्षों से संबंधित व्यवसाय में कार्यरत होना अनिवार्य है। किसी भी सरकारी नौकरी में कार्यरत व्यक्ति पात्र नहीं है। परिवार के किसी सदस्य ने पिछली समान योजना का लाभ नहीं लिया हो। स्व-रोजगार और पारंपरिक कौशल के आधार पर काम करने वाले कारीगर प्राथमिकता पाएंगे।

विश्वकर्मा योजना के लिए आवेदन कैसे करें?

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के लिए आवेदन पूरी तरह ऑनलाइन प्रक्रिया है। सबसे पहले ऑफिशियल वेबसाइट pmvishwakarma.gov.in पर जाएं। होमपेज पर “Apply Now” या “Registration” बटन पर क्लिक करें। अपना आधार नंबर, मोबाइल नंबर और बेसिक डिटेल्स भरें। OTP वेरिफिकेशन के बाद रजिस्ट्रेशन फॉर्म खुल जाएगा। सभी जरूरी जानकारी सही-सही भरनी होगी।

आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें जैसे आधार कार्ड, बैंक पासबुक, फोटो और व्यवसाय प्रमाण पत्र। जाति प्रमाण पत्र और पते का प्रूफ भी चाहिए होगा। सभी डॉक्यूमेंट्स PDF या JPEG फॉर्मेट में होने चाहिए। फॉर्म सबमिट करने के बाद एप्लीकेशन नंबर मिलेगा। DigiLocker और UMANG App से भी अप्लाई कर सकते हैं।

विश्वकर्मा योजना के फायदे क्या हैं?

इस योजना के तहत कारीगरों को मुफ्त स्किल ट्रेनिंग दी जाती है। बेसिक ट्रेनिंग 5-7 दिन की और एडवांस्ड ट्रेनिंग 15 दिन की होती है। ट्रेनिंग के दौरान ₹500 प्रतिदिन का स्टाइपेंड भी मिलता है। कारीगरों को टूलकिट खरीदने के लिए ₹15,000 की सहायता राशि दी जाती है। यह राशि सीधे बैंक अकाउंट में ट्रांसफर होती है।

सर्टिफिकेट और आईडी कार्ड भी प्रदान किए जाते हैं जो कारीगर की पहचान बनाते हैं। डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रोत्साहन मिलता है। मार्केटिंग सपोर्ट और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर प्रोडक्ट बेचने की सुविधा मिलती है। स्किल अपग्रेडेशन से कारीगरों की आय बढ़ेगी। सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का भी लाभ मिलता है।

इस योजना में कितनी आर्थिक सहायता दी जाती है?

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत दो चरणों में लोन दिया जाता है। पहले चरण में ₹1,00,000 तक का कोलैटरल-फ्री लोन 5% ब्याज दर पर मिलता है। इसे चुकाने के बाद दूसरे चरण में ₹2,00,000 तक का अतिरिक्त लोन मिल सकता है। ब्याज दर सब्सिडी के बाद केवल 5% रहती है। यह लोन व्यवसाय विस्तार के लिए बहुत फायदेमंद है।

क्रेडिट सपोर्ट के अलावा डिजिटल पेमेंट पर इंसेंटिव भी मिलता है। टूलकिट के लिए ₹15,000 की अनुदान राशि अलग से है। ट्रेनिंग स्टाइपेंड से कुल ₹5,000 से ₹7,500 अतिरिक्त मिल सकता है। कुल मिलाकर एक कारीगर ₹3,00,000 से अधिक का लाभ उठा सकता है। लोन की किस्त आसान और लचीली होती है।

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डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए लिखा गया है। PM Vishwakarma Yojana की शर्तें, लाभ और आवेदन प्रक्रिया समय-समय पर बदल सकती है। सभी आधिकारिक जानकारी के लिए कृपया ऑफिशियल वेबसाइट pmvishwakarma.gov.in विजिट करें। पात्रता मानदंड और दस्तावेज आवश्यकताएं अपडेट हो सकती हैं। आवेदन करने से पहले नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर या बैंक से भी सलाह लें। हम किसी भी बदलाव या गलत जानकारी के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।