SBI Card यूजर्स के लिए बुरी खबर! अब स्कूल-कॉलेज की फीस और वॉलेट में पैसे डालने पर एक्स्ट्रा चार्ज देना होगा। बैंक ने यह नया नियम तुरंत प्रभाव से लागू किया है। पहले यह सुविधा मुफ्त थी लेकिन अब 1-3% का अतिरिक्त शुल्क लगेगा। जानिए कैसे बचें इस एक्स्ट्रा खर्च से और क्या हैं आपके विकल्प।
SBI क्रेडिट कार्ड पर कितना चार्ज लगता है?
SBI क्रेडिट कार्ड पर एजुकेशन पेमेंट के लिए 1% प्लस GST चार्ज लगता है। वॉलेट रीचार्ज पर 2.5% प्लस टैक्स देना होगा। ₹10,000 की फीस पर ₹118 एक्स्ट्रा चार्ज होगा। Paytm, PhonePe जैसे वॉलेट्स में पैसे डालना महंगा हो गया है। यूटिलिटी बिल पेमेंट पर 1% फीस है। रेंट पेमेंट पर भी चार्ज लागू है।
इसके अलावा वार्षिक फीस ₹499 से ₹4,999 तक है कार्ड टाइप के अनुसार। SBI Card की वेबसाइट पर पूरी लिस्ट उपलब्ध है। कैश विड्रॉल पर 2.5% या न्यूनतम ₹500 चार्ज है। लेट पेमेंट फीस ₹950 तक हो सकती है। फॉरेन ट्रांजेक्शन पर 3.5% मार्कअप फीस लगती है।
क्या मैं क्रेडिट कार्ड से स्कूल फीस का भुगतान कर सकता हूं?
हां, क्रेडिट कार्ड से स्कूल फीस भर सकते हैं लेकिन अब 1% एक्स्ट्रा चार्ज लगेगा। कई स्कूल डायरेक्ट कार्ड पेमेंट एक्सेप्ट नहीं करते। ऑनलाइन पोर्टल्स के जरिए पेमेंट करना पड़ता है। रिवॉर्ड पॉइंट्स नहीं मिलते एजुकेशन पेमेंट पर। EMI की सुविधा कुछ कार्ड्स पर उपलब्ध है। बड़ी राशि के लिए फायदेमंद हो सकता है।
RBI गाइडलाइन्स के अनुसार यह मर्चेंट कैटेगरी कोड पर निर्भर करता है। डेबिट कार्ड से पेमेंट करना बेहतर विकल्प है। नेट बैंकिंग से कोई एक्स्ट्रा चार्ज नहीं लगता। UPI पेमेंट सबसे सस्ता तरीका है। बैंक ट्रांसफर भी चार्ज फ्री होता है।
अगर मैं 6 महीने तक क्रेडिट कार्ड का उपयोग नहीं करता तो क्या होता है?
क्रेडिट कार्ड 6 महीने तक इस्तेमाल न करने पर इनएक्टिविटी चार्ज लग सकता है। कुछ बैंक कार्ड को टेम्पररी ब्लॉक कर देते हैं। क्रेडिट स्कोर पर नेगेटिव इंपैक्ट नहीं पड़ता। लेकिन क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो खराब हो सकता है। कार्ड कंपनी लिमिट कम कर सकती है। ऑफर्स और रिवॉर्ड्स मिलना बंद हो जाते हैं।
महीने में एक छोटा ट्रांजेक्शन करना जरूरी है। ऑटो डेबिट सेट करना अच्छा आइडिया है। एनुअल फीस वाले कार्ड्स में चार्ज लगता रहेगा। लाइफटाइम फ्री कार्ड्स में दिक्कत नहीं। रिएक्टिवेशन के लिए कस्टमर केयर से संपर्क करना पड़ता है।
क्रेडिट कार्ड का उपयोग करने के 3 नुकसान क्या हैं?
पहला नुकसान है हाई इंटरेस्ट रेट जो 36-42% सालाना तक होती है। देर से पेमेंट करने पर भारी पेनाल्टी लगती है। दूसरा, ओवरस्पेंडिंग की आदत लग जाती है क्योंकि कैश नहीं जाता। EMI का चक्कर कर्ज के जाल में फंसा देता है। तीसरा, हिडन चार्जेस बहुत हैं जो बिल बढ़ा देते हैं।
क्रेडिट स्कोर खराब होने का रिस्क रहता है। फ्रॉड और डेटा चोरी का खतरा है। मिनिमम पेमेंट का जाल सबसे खतरनाक है। एडिक्शन जैसी स्थिति बन सकती है। फाइनेंशियल डिसिप्लिन बिगड़ जाता है। इमरजेंसी फंड बनाने की बजाय कर्ज बढ़ता है।
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Disclaimer: यह जानकारी बैंकों की नवीनतम नीतियों पर आधारित है जो समय-समय पर बदल सकती हैं। क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल सोच-समझकर करें। विस्तृत जानकारी के लिए अपने बैंक से संपर्क करें।
